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      || मनुहार ||

      मनुहार

      प्रेम युगल निज प्यार मे, खूब करें मनुहार ।
      कभी करें इकरार वो, कभी करें तकरार ।।

      मीठे-मीठे बोल से, रूठे कभी मनाय ।
      प्रीति रीति की राह मे, आपस मिल इठलाय ।।

      साजन को सजनी बिना, सून लगे संसार ।
      बढता-घटता प्यार भी, जब होता मनुहार ।।

      दूर रहें धडकन बढे, नैना ताकें राह ।
      पास मिले मनुहार से, दिखे दिलों मे चाह ।।

      जितना गहरा प्यार हो, उतना ही मनुहार ।
      रूठ-मना परवान हो, सदा दिलों मे प्यार ।।

      जो चाहेगा वही तो, रूठेगा शतबार ।
      नही जुदाई पथ मिले, सीखा जो मनुहार ।।

      प्यार संग मनुहार का, चोली-दामन साथ ।
      मेल खेल के फेर मे, लाख टके की बात ।।

      लेखक
      राकेश तिवारी
      “राही”

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